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Sunday, March 10, 2013

राजा भैय्या...



राजा भैय्या... प्रतापगढ़ में अर्से से अपनी दबंगई की दुकान चला रहे राजा भैय्या अब मुसीबत में हैं। वजह सीबीआई की वो टीम जो हाथ धोकर राजा के खिलाफ सबूत तलाश रही है। राजा को कानून के जाल में फांसने के लिए सीबीआई ऐसे तरीकों का इस्तेमाल कर रही है जिनसे राजा ही नहीं बल्कि उनके लोग भी अंजान हैं। दरअसल सीबीआई ने राजा के इर्द गिर्द एक ऐसा चक्रव्यूह रच दिया है जिसे तोड़ पाना कम से कम राजा के लिए तो नामुमकिन है।
 अब राजा भैय्या का सामना पहली बार उस दुश्मन से होगा जिससे निपटने का उसे कोई तजुर्बा नहीं है। जी हां सीबीआई कोई थाने की पुलिस नहीं कि सबूत जुटाने के लिए आरोपी को ठोके पीटे... सीबीआई तो अपने शिकार की कमज़ोर कड़ी पर वार करती है। लिहाजा कम पढ़े लिखे राजा के इर्द गिर्द सीबीआई ने रच दिया है इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का चक्रव्यूह। जिससे बचना राजा के लिए नामुमकिन है।
कुंडा में हुई डीएसपी की हत्या के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट करते ही राजा भैय्या के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का जाल फैला दिया है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक ना सिर्फ राजा भैय्या के लिए ना सिर्फ ये जाल नया है बल्कि उसके ज्यादातर हट्टे कट्टे गुर्गों का हाथ भी तकनीक के मामले में तंग है।

राजा भैय्या खुद भी कम पढ़े लिखे हैं क्योंकि राजा भैय्या के पिता उदय प्रताप सिंह का मानना था कि बच्चे ज्यादा पढ़ने लिखने से कायर बन जाते हैं। लिहाजा ना तो राजा को ज्यादा पढने का मौका मिला और ना राजा भैय्या को नई तकनीक की खास जानकारी है। ऐसे में सीबीआई को अपनी सर्विलांस टीम से बेहद उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं।  

सीबीआई जानती है कि  कम पढ़ा लिखा राजा भैय्या तकनीक के मामले में ज़ीरो है.. लिहाजा सीबीआई ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के ज़रिये राजा और उसके गुर्गों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने की मुहम शुरू कर दी है। दरअसल सीबीआई को कई ऐसे सवालों  के जवाब तलाशने हैं जो बिना आधुनिक तकनीक के हासिल किए ही नहीं जा सकते हैं। मसलन

-          सीबीआई जानना चाहती है कि वारदात के वक्त राजा भैय्या क्या मौका ए वारदात पर किसी के टच में था?
-          अगर हां तो फिर वो शख्स कौन था जो सीधे राजा से निर्देश ले रहा था?
-          जानना ये भी है कि क्या राजा ने ही डीएसपी के कत्ल का आदेश दिया था, अगर हां तो किसे?
-          सीबीआई के लिए बेहद अहम है डीएसपी की सर्विस पिस्टल को तलाशना क्योंकि वो मामले का बेहद अहम सबूत है।
-          सीबीआई को ये भी पता लगाना है कि उस रात मौके पर मौजूद रहे कौन कौन से शख्स फिलहाल अंडरग्राउंड हैं? क्योंकि डीएसपी के कत्ल में अभी सिर्फ दो लोग ही गिरफ्तार हुए हैं  
सीबीआई के मुताबिक राजा भैय्या के गढ़ में उसके खिलाफ जानकारी जुटाना आसान नहीं है... लिहाजा इंसानों की बजाय उसे तकनीक की मदद लेनी पड़ेगी। और फिलहाल सीबीआई के पास जानकारी जुटाने का यही सबसे कारगर ज़रिया भी है।  

-          CBI ने राजा भैय्या और उनके कई खास समर्थकों को अपने सर्विंलांस पर ले लिया हैं।
-          सीबीआई फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की मदद से मामले के सबूत तलाशने की कोशिश में जुटी है।
-          सीबीआई मामले के दोनों आरोपियों से पूछताछ के दौरान भी अपनी विशेष तकनीकों का इस्तेमाल करेगी।
-          सीबीआई राजा भैय्या से भी पूछताछ करते वक्त पूछताछ के आधुनिक तौर तरीकों का इस्तेमाल करेगी।

राजा की मुश्किल ये है कि वो सूबे की पुलिस के साथ तो चोर पुलिस खेलना बखूबी जानता है लेकिन सीबीआई से उसका पाला पहली बार पड़ रहा है और पहली बार ही उसका सामना आधुनिक सर्विलांस टेक्नीक से होगा जिसमें राजा के गच्चा खाने की उम्मीद बहुत ज्यादा है। सीबीआई का रुख सख्त है ये उसने जांच हाथ में लेते ही राजा के खिलाफ हत्या का मुकद्दमा दर्ज कर साबित कर दिया है।
 सीबीआई के हाथों में केस चले जाने से राजा भैय्या की मुश्किलें पहले ही बढ़ गई हैं। सूबे की पुलिस से तो सरकार के करीबी राजा भैय्या कुछ राहत पा भी लेते लेकिन सीबीआई से उन्हें किसी तरह के रहम की उम्मीद नहीं है। लिहाजा सीबीआई की हर हरकत पर राजा भैय्या और उनके समर्थक नज़रें गड़ाए हुए हैं। 
 आने वाले वक्त में राजा और मामले के दो आरोपियों के लाइ डिटेक्टर टेस्ट और ब्रेन मैपिंग का विकल्प भी खुला हुआ है। जाहिर है राजा के लिए हालात बिल्कुल नए हैं... पुलिस से तो वो निपट भी लेता लेकिन इस मामले की जांच सीबीआई के हाथ चले जाने से राजा एक ऐसे चक्रव्यूह में आ खड़ा हुआ है जिसे ना तो वो पहचानता है और ना तोड़ना जानता है। देखना होगा कि राजा सीबीआई की तफ्तीश के सामने कब तक टिक पाता है।



 

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