जांबाज डीएसपी जिआउल हक की हत्या का राज जानने के लिए सीबीआई जांच में जुटी है...सीबीआई को भी पूरा अंदेशा है कि बलीपुर गांव से ही उसके हाथ कोई सुराग लगेगा
जो इस हत्या की हकीकत सामने लायेगा... सीबीआई बार बार शनिवार शाम हुई वारदात की कडियां जोड़ने में जुटी है...आइये एक बार फिर से देखते हैं कि आखिर शनिवार शाम बलीपुर गांव में कैसे खेला गया था मौत का खूनी खेल
तारीख 2 मार्च 2013, दिन शनिवार, गांव में गिरी पहली लाश
कुंडा के बलीपुर गांव में सब कुछ रोजाना की तरह सामान्य था....सूरज ढल चुका था ...शाम के अंधेरे ने गांव में दस्तक दे दी थी....गांव के प्रधान नन्हें सिंह...बलीपुर चौक पर कुछ लोगों के साथ मौजूद थे इसी बीच अचानक गांव में गोलियों की तड़तड़ाहट गूंज उठी... और नन्हें सिंह की लाश जमीन पर पड़ी थी...नन्हें सिंह को बचाने की कोशिश तो की गई लेकिन कोई फायदा न हुआ.... असल में नन्हें सिंह का गांव के ही कामता पाल से बाजार और गांव की ही जमीन के एक टुकड़े को लेकर आपसी रंजिश चल रही थी...
गांव में हुई तीन हत्याओं की खबर मिलते ही पुलिस से लेकर प्रशासन में हड़कंप मच गया... विपक्षी दलों ने राज्य सरकार को घेरना शुरु किया..तो जिआउल हक के चलते राज्य का अल्पसंख्यक तबका भी सरकार से खफा दिखा...सवालों में घिरी अखिलेश सरकार ने फौरन पीडित जिआउल हक के परिवार वालों की मांग को मानते हुए हत्याकांड की सीबीआई जांच की सिफारिश केन्द्र सरकार से कर दी....और एक बार फिर सीबीआई के हाथों में एक बेहद अहम केस का जांच आ गया...सीबीआई जांच में जुटी है और उसके सामने वारादात का आरोपी है प्रतापगढ़ का बाहुबली राजा भैय्या,.. सीबीआई जानती है कि राजा भैय्या के खिलाफ सुबूत जुटा पाना आसान नही....लेकिन सीबीआई की कोशिश जारी है और उम्मीद है कि सियासत की शह पर जांच को उलटने पलटने वाली सीबीआई इस केस का सच उजागर करेगी
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