बलीपुर गांव में हुई डीएसपी जिआउल हक की हत्या की हकीकत का खुलासा करने की जिम्मेदारी अब सीबीआई के सांचे में समा चुकी है..वारदात का सच सामने लाने के लिए सीबीआई सुरागों की तलाश में बलीपुर पहुंची जहां शनिवार शाम मौत का संग्राम हुआ था...प्रत्यक्ष रुप से बलीपुर गांव में सीबीआई सुबूत जुटा रही थी लेकिन पर्दे के पीछे हो रहा था तकनीक का खेल... जिसे न तो राजा भैय्या समझ पा रहे होंगे और न ही बलीपुर के लोग....
सीबीआई की टीम गांव में दाखिल हुई और उसके बाद गांव से बिना किसी से पूछताछ किये चली भी गई......ऐसे में गांववालों के दिमाग में ये सवाल कोंधता रहा कि आखिर सीबीआई ने लोगों से सवाल जबाव क्यों नहीं किये...क्यों सीबीआई ने पीडित और आरोपी के घरवालों से बात करना मुनासिब नहीं समझा...गांव में सीबीआई की खामोशी लोगों की जुबान पर कई अनसुलझे सवाल छोड गई
सीबीआई इस केस का सच सामने लाने के लिए भले ही लोगों की नजरों के सामने सुरागों की तलाश में जुटी हो लेकिन पर्दे के पीछे उसने बिछाया हुआ है तकनीक का जाल....मसलन सीबीआई की एक टीम स्थानीय लोगों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों और कुछ पुलिस वालों के फोन को सर्विलांस पर लिये हुए थी... सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक सीबीआई तकनीक के चक्रव्यूह के जरिये फोन कॉल्स पर निगाह रख रही है....और ये पता लगा रही है कि जिस जगह वो पहुंचते हैं वहां से कितने फोन राजा भैय्या और उसके जानकारों के पास जा रहे हैं या फिर उनके फोन गांववालों के पास आ रहे हैं....
सीबीआई जानती है कि अब तक राजा भैय्या और उसके गुर्गे सीधे वारदात को अंजाम देते रहे हैं... दबंगई के साथ पुलिस की तफ्तीश का हिस्सा बनते रहे हैं... लेकिन तकनीक के खेल पर आज तक उन्होंने गौर नहीं किया लिहाजा सीबीआई राजा के राज को उजागर करने के लिए तकनीक के तिलिस्म का इस्तेमाल कर रही है
जितनी तेजी से इस केस में राजा भैय्या का नाम सामने आया....जितनी तेजी से इस से इस केस की जांच सीबीआई को सोंपी गई...सीबीआई चाहती है कि उतनी ही तेजी से जिआउल हक की हत्या का राज भी सामने आना चाहिये...लिहाजा जिआउल हक की हत्या में राजा भैय्या की भूमिका का पर्दाफाश करने के लिए सीबीआई हर हथकंडे अपनाने में जुटी हुई है
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