Click here for Myspace Layouts

Sunday, March 10, 2013

कौन बोलेगा... आखिर कौन मुंह खोलेगा !

कौन बोलेगा... आखिर कौन मुंह खोलेगा रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैय्या के खिलाफ पूरे कुंडा में। ये वो सवाल है जिसपर इस केस की नींव टिकी है। कुंडा समेत पूरे प्रतापगढ़ में राजा भैय्या का खौफ कुछ ऐसा है कि उनके खिलाफ ज़बान खोलने वाला ढूंढना मुश्किल है। कैसे सुलझाएगी सीबीआई इस पहेली को आइये बताएं।  
जब शुक्रवार को सीबीआई की टीम पहली बार प्रतापगढ़ आ पहुंची... मकसद डीएसपी मर्डर मामले में राजा भैय्या के खिलाफ सबूत और गवाहों की तलाश। लेकिन सबसे बड़ा सवाल कि क्या इस ज़मीन पर कोई राजा भैय्या के खिलाफ ज़बान खोलेगा।
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैय्या.... उत्तर प्रदेश की सियासत से जुडा वो नाम... जिसे खौफनाक साजिश का सिरमौर माना जा रहा है... राजा भैय्या वो नाम है जो सत्ता के गलियारों में भी वैसे ही पहचाना जाता है जैसे य़ूपी के जरायमपेशा लोगों में। इस शख्स की दहशत का निजाम कुछ ऐसा है कि प्रतापगढ़ में राजा भैय्या के खिलाफ जाने की हिम्मत किसी की नहीं.... ऐसा हो नहीं सकता कि राजा भैय्या के सामने से कोई गुजरे और वो राजा भैय्या के सामने गर्दन न झुकाये... कहने वाले तो यहां तक कहते हैं कि अगर ऐसा करने की किसी ने हिमाकत की तो उसका अंजाम सिवाय मौत के कुछ नहीं.....
बीते शनिवार कुंडा के बलीपुर गांव में हुई गोलीबारी में ग्राम प्रधान नन्हें सिंह उनके भाई सुरेश और डीएसपी जिआउल हक की हत्या कर दी गई....डीएसपी की हत्या के बाद यूपी की सियासत में भूचाल मचा हुआ है....राजा भैय्या पर सीधा आरोप है कि इस हत्या में उनका हाथ है...ये हत्या बीच गांव में उनके इशारे पर कराई गई... लेकिन अब सवाल ये है कि आखिर जिआउल हक के परिवार के अलावा इस मामले में कौन राजा भैय्या के खिलाफ बोलेगा...यकीनन ये जांच का विषय है कि राजा भैय्या की इस हत्या में क्या भूमिका है लेकिन सवाल ये है कि क्या सीबीआई इस मामले में एक अदद चश्मदीद तलाश पाएगी।

राजा भैय्या का खौफ का कद इनता बड़ा है कि उनके खिलाफ बोलने की हिमाकत प्रतापगढ़ में किसी की नहीं....ऐसे में सीबीआई के सामने सबसे बड़ी चुनौती वारदात के चश्मदीद को तलाशना होगी जो बता सके जिआउल हक की हत्या की हकीकत क्या है 

ये सच है कि सीबीआई के लिए इस मामले में एक भी चश्मदीद मिलना एक बड़ी कामयाबी होगी, और सीबीआई किसी भी कीमत पर कम से कम एक चश्मदीद हासिल करना चाहेगी। लेकिन इस बात से भी सीबीआई के अफसर वाकिफ हैं कि ऐसा होना आसान नहीं है। दरअसल जिआउल हक की हत्या गांववालों के सामने हुई.... हत्या से पहले उन्हें जमकर पीटा गया....उनके कपड़े फाड़े गये... और फिर उन्हें गोली मार दी गई..ये बात भी दीगर है कि इस मामले के चश्मदीद भी कई लोग होंगे लेकिन राजा भैय्या के खिलाफ किसी चश्मदीद को सामने ला पाना इतना आसान नहीं...भले ही केस की जांच सीबीआई के हाथों में हो....भले ही सीबीआई इस केस की जड़ में जाने का दावा करे...लेकिन जिआउल हक की हत्या की हकीकत सामने ला पाना...दोषियों को बेनकाब करना....राजा भैय्या के कुंडा राज में सीबीआई के लिए आसान नहीं....

सीबीआई के अधिकारी कुंडा में एक ऐसा नेटवर्क बनाने का प्रयास करेंगे जो किसी ऐसे आदमी को लोकेट कर सके जो न सिर्फ हत्या का चश्मदीद गवाह हो बल्कि राजा के खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत भी कर सके। दरअसल सीबीआई को यकीन है कि कुंडा में ऐसे लोग भी होंगे जो राजा के खिलाफ मुंह खोलने के लिए सही समय का इंतज़ार कर रहे होंगे। 


No comments:

Post a Comment