सोमवार सुबह दिल्ली की तिहाड़
जेल में दिल्ली गैंगरेप केस का आरोपी रामसिंह फंदे पर झूलता पाया गया। इस घटना के बाद सवाल उठा कि आखिर देश की सबसे सुरक्षित जेल में ये हुआ कैसे... शुरुआती तहकीकात कहती है कि रामसिंह ने बैरक में लगे रोशनदान की ग्रिल और कपड़ों के जरिये अपनी जिंदगी की रोशनी हमेशा के लिए बुझा दी.... लेकिन तिहाड़ प्रशासन ये
बताने की हालत में नहीं है कि जब रामसिंह ने दम तोड़ा तब जेलकर्मी कहां और क्या कर
रहे थे।
दिन सोमवार
वक्त सुबह 5.45 बजे
तिहाड़ जेल
दिन ठीक से निकला
भी नहीं था कि तिहाड़ की ऊंची दीवारों के पीछे सनसनी फैल गई। कुछ लम्हों बाद छनकर ये
खबर बाहर आई कि दिल्ली गैंगरेप के आरोपी रामसिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली। चार लाइनों
में लिखी तिहाड़ प्रशासन की प्रेस रिलीज़ के मुताबिक
तिहाड़ प्रशासन को रामसिंह की मौत की खबर सुबह 5.45 बजे मिली
सुबह कैदियों के बैरक खोलने पहुंचे हेड वॉर्डन ने रामसिंह को टंगे देखा
रामसिंह बैरक के रोशनदान से दरी, नाड़े और कपड़ों से बने फंदे से झूल
रहा था
तिहाड़
की
जेल नम्बर तीन में 25 सेल हैं और इन्हीं 25 में से एक में रामसिंह को तीन और कैदियों के साथ रखा गया था... सुबह करीब पांच बजकर 45 मिनट पर सुरक्षा गार्ड की सेल में निगाह पड़ी तो फांसी के फंदे पर लटकी रामसिंह की लाश नजर आई... रामसिंह की मौत मौत की खबर मिलते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया... दिल्ली पुलिस से लेकर दिल्ली सरकार और गृहमंत्रालय को वारदात की जानकारी दे दी गई... सवाल उठा कि आखिर कैसे कोई कैदी बेहद सुरक्षित जेल की सेल में फांसी लगा सकता है... फौरन जेल में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एक टीम और फोरेंसिक एक्सपर्टस टीम को बुलाया गया ताकि सुसाइड का सच सामने आ सके
रौशनदान की ग्रिल
से लटकर दी जान
मौका
मुआयना करने के बाद सामने आया कि रामसिंह ने खुदकुशी करने के लिए बाल्टी, एक दरी, और अपने कपड़ों का इस्तेमाल किया.. जेल सूत्रों से मिल रही खबरों के मुताबिक जब अहले सुबह जेल में सारे कैदी गहरी नींद में सो रहे थे तो रामसिंह ने दरी के किनारे से एक लंबा पट्टा काटा.... और फिर उस पट्टे, अपने कपड़े और अंडरगारमेंटस के नाडें की मदद से उसने फांसी का फंदा बनाया....सेल में करीब 8 फिट की ऊंचाई पर एक रोशनदान था जहां तक पहुंचने के लिए रामसिंह ने बाल्टी का इस्तेमाल किया और फिर रोशनदान में लगी ग्रिल में फंदे का एक सिरा बांधकर दूसरा फंदा अपने गले में डाल लिया...और बाल्टी को ठोकर मारकर फंदे
पर झूल गया।
सुबह
करीब पौने छह बजे जब सेल के लोग जागे तब इस वारदात का खुलासा हुआ....रामसिंह की खुदकुशी की खबर ने जेल प्रशासन के होश उड़ा दिये....पूरा अमला इस बात की तहकीकात में जुट गया कि आखिर बेहद सुरक्षित घेरे के बावजूद रामसिंह ने खुदकुशी की तो की कैसे...