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Monday, May 30, 2011

दिल्ली के गार्गी कॉलेज के बाहर मिला 'बम'

         साउथ दिल्ली के गार्गी कॉलेज के बाहर एक बैग में जिंदा बम मिला। जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया। 'बम' को बम निरोधक दस्ता अपने साथ ले गया। इसके बाद पुलिस ने पूरे इलाके की तलाशी ली। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

          गार्गी कॉलेज के पास बस स्टॉप से पुलिस ने सुतली बम बरामद किया। बम को खुले में रखा गया था। बम साढ़े 12 बरामद किया गया। पुलिस का कहना है कि संभव है कि बम को स्थानीय बदमाशों ने छुपाया हो। बम में किसी तरह का कोई डिवाइस नहीं लगा है। पटाखों में जो बारूद इस्तेमाल किया जाता है वो इसमें इस्तेमाल किया गया है। पुलिस का कहना है कि वो इस मामले की जांच कर रही है। और इस संबंध में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया जाएगा।

          पुलिस का कहना है कि ये बम इलाके में दहशत फैलाने के लिए रखा गया था। ज्वॉइंट सीपी दिल्ली पुलिस अमोल पटनायक का कहना है कि ये बम नहीं है क्योंकि ये फट नहीं सकता था। इसके अंदर पटाखा का बारूद मिला था। बाकी जांच की जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक दिल्ली के गार्गी कॉलेज के पास मिला संदिग्ध सामान बम नहीं है। मंत्रालय के मुताबिक ये किसी शरारती तत्व की हरकत है। संदिग्ध पदार्थ में कोई विस्फोटक पदार्थ या डेटोनेटर नहीं था और उसे बम की तरह बनाने की कोशिश की गई थी ताकि लोग उसे देखकर डर जाएं।
         
          पुलिस को बम का पैटर्न ही समझ में नहीं आ रहा है। जिससे पुलिस को दिक्कत हो रही है। वहीं बम मिलने के बाद गृहमंत्रालय ने कहा है कि एक हफ्ते के भीतर दो बार बम मिलना चिंता की बात है। गृहमंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को कड़े निर्देश दिए हैं कि अहम ठिकानों की सुरक्षा व्यव्स्था पुख्ता की जाए।
           
          गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट की पार्किंग में खड़ी एक कार के नीचे बीते बुधवार की दोपहर धमाका हुआ था। ये धमाका कम तीव्रता का था जिससे जानमाल का नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन राजधानी दिल्ली के अति सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में बम धमाके से सनसनी मच गई थी।

एक और गांव की जमीन का अधिग्रहण रद्द

यूपी के ग्रेटर नोएडा में फ्लैट बुक कराने वालों के लिए बुरी खबर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के एक और गांव में जमीन के अधिग्रहण को रद्द कर दिया है। इस फैसले से इस गांव में बन रही आवासीय व अन्य परियोजनाओं को पलीता लग गया है। गांव का नाम गुलिस्तानपुर है।
ग्रेटर नोएडा के गुलिस्तानपुर की 170 हेक्टेयर जमीन का सरकार ने अधिग्रहण किया था। इसमें सौ से ज्यादा किसानों की जमीन ली गई थी। किसान इसके खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में गए और 90 से ज्यादा रिट याचिकाएं इसके खिलाफ दायर कीं। सोमवार को हाईकोर्ट ने इस मामले में किसानों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए जमीन अधिग्रहण को रद्द कर दिया। इससे पहले इसी महीने के पहले पखवाड़े में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा एक्सटेंशन यानी ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में 156 हेक्टेअर जमीन के अधिग्रहण को रद्द कर दिया। इसके अगले ही दिन हाईकोर्ट ने दादरी तहसील के सूरजपुर गांव में 73 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण को भी अवैध करार दे दिया।