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Monday, January 23, 2012

विजय बहुगुणा का सफरनामा


टिहरी गढ़वाल से सांसद विजय बहुगुणा का नाम भी उन नेताओं में शुमा किया जा रहा है जो कि मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल है...उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के पुत्र विजय बहुगुणा के राजनीतिक जीवन पर एक नजर डालते हें

विजय बहुगुणा का जन्म 28 फरवरी, 1947 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ.....विजय बहुगुणा कांग्रेस के दिग्गज नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के पुत्र हैं....विजय बहुगुणा की बहन रीता बहुगुणा भी राजनीति में हैं और  उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष हैं..... विजय बहुगुणा ने इलाहाबाद विश्विद्यालय से बीए और एलएलबी की डिग्री ली...पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक वकील के तौर पर काम करना शुरु किया...विजय आगे जाकर इलाहाबाद हाईकोर्ट और बंबई हाईकोर्ट में जज भी रहे,....

विजय को राजनीति विरासत में मिली थी इसलिए वो राजनीति से अलग नहीं रह सके... 2009 का लोकसभा चुनाव उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर टिहरी गढ़वाल से लड़ा और जीत दर्ज की...विजय बहुगुणा कई महत्वपूर्ण कमेटियों में रहे हैं इसके साथ ही वो उत्तराखंड योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे हैं.....


Sunday, January 22, 2012

कल्य़ाण सिंह का राजनीतिक सफर


उत्तर प्रदेश की राजनीति में कभी एक चमकता सितारे रहे कल्याण सिहं का जन्म 3 जनवरी 1932 को अलीगढ़ में हुआ....1962 में विख्यात राजनीतिक चिंतक दीनदयाल उपाध्याय के विचारों से प्रभावित होकर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया....
राजनीति में उनका करियर तब चरम पर पहुंचा जब वो 1991 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने...लेकिन 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद उन्होंने इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकारते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया...इसके बाद क्लयाण सिंह दो बार फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने पहली बार 21 सितंबर 1997 से 21 फरवरी 1998 तक और दूसरी बार 1999 में लेकिन दोनों ही बार उनका कार्यकाल काफी छोटा रहा....
बीजेपी से बढ़ती दूरियों के चलते उन्होंने 1999 में बीजेपी  का साथ छोड़ दिया...जिसके बाद से उनके लिए राजनीति की राह आसान नहीं रही.....वो एक बार फिर से बीजेपी में लौटे लेकिन 20 जनवरी 2009 को उन्होंने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया...इसके बाद समाजवादी पार्टी से बढ़ती नजदीकियां भी जल्द ही दूरियों में बदल गई.....जिसके बाद कल्याण सिहं ने अपने 77वें जन्म दिन पर जनक्रांति नाम से एक नई पार्टी बनाने की घोषणा की...

Tuesday, January 17, 2012

अजित सिंह का सफरनामा


राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह का राजनीतिक सफर सत्ता में बने रहने की जोड़ तोड़ से भरा रहा है....उनके राजनीतिक सफर पर नजर डालते हैं...

वो सत्ता में बना रहना जानते हैं....उनका न कोई दोस्त है न दुश्मन....वो गठबंधन राजनीति के माहिर हैं...जी हां राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह का राजनीतिक करियर इस बात की गवाही देता है कि राजनीतिक फायदे के लिए वो किसी भी दल के साथ दोस्ती कर सकते हैं और फिर उसी दल से दुश्मनी भी रख सकते हैं....

पूर्व प्रधानमंत्री चौ.चरण सिंह के बेटे अजित सिंह का जन्म 12 फरवरी 1939 को यूपी के मेरठ जिले के भडोला गांव में हुआ था...राजनीति में आने से पहले अजित सिंह ने 17 सालों तक  अमेरिका में कंप्यूटर इंटस्ट्री में काम किया....राजनीति में अजित सिंह ने 1986 में कदम रखा...अजित सिहं ने अपने राजनीतिक सफर में कितनी बार पलटी मारी किस-किस का साथ छोड़ा और किस का हाथ थामा...इसका ठीक-ठीक रिकॉर्ड बताने में तो शायद बड़े-बड़े राजनीतिक विशेषज्ञों के पसीने छूट जाएं........लेकिन फिर भी हम आपको कुछ आसानी से ये रिकॉर्ड समझाने की कोशिश करते हैं.........
अजित सिंह ने तीन बार नई पार्टी बनाई.... लोकदल अजित, भारतीय कामगार किसान पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल.....अजित सिंह  1988 में अपनी पार्टी लोकदल अजित के साथ जनता पार्टी में शामिल हुए...इसके बाद जब जनता दल बना तो वो जनता दल के महासचिव बन गए....1995 में जनता दल में फूट कराकर कांग्रेस में शामिल हो गए....






केंद्र में मंत्रिपद की बात करें तो...अजित सिंह केंद्र में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में उद्योग मंत्री रहे....नरसिम्हा राव की सरकार में खाद्य मंत्री रहे, एनडीए सरकार में कृषि मंत्री रहे...फिलहाल यूपीए सरकार में नागरिक उड्ड़यन मंत्री हैं...हम आपको ये भी बता दें कि लोकसभा का 2009 का चुनाव उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था...

बात उत्तर प्रदेश की करें तो उन्होने 2001 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा इसी का इनाम था एनडीए सरकार में कृषि मंत्री का पद.... उन्होंने यूपी में बीजेपी-बीएसपी सरकार को समर्थन दिया...और दो सालों के अंदर ही सरकार से अपना समर्थन वापिस ले लिया जिसके चलते राज्य में बीएसपी सरकार गिर गई...इसके बाद राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो अजित सिंह मुलायम सिंह यादव के साथ हो लिए....कुछ समय तक समर्थन दिया फिर मुलायम को भी कह दिया टाटा-बाय बाय....







Friday, January 13, 2012

राजनाथ सिंह का राजनीतिक सफर

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके राजनाथ सिंह इन दिनों यूपी में बीजेपी की चुनावी नैया पार करवाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं....चंदौली जिले के एक छोटे से गांव में जन्मे राजनाथ सिंह का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजनीति में उन्होंने कई उतार चढ़ाव देखें...
राजनीति में उन्होंने लंबी पारी खेली है...उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से निकलकर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनकर और फिर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने तक की उनका सफर शानदार रहा है....राजनीति में उन्हें हिन्दुत्व की विचारधारा के प्रति समर्पित नेता के तौर पर देखा जाता है...राजनाथ सिंह ये नाम न तो उत्तर प्रदेश की राजनीति और ही देश की राजनीति में अनजाना है.....

राजनाथ सिहं का जन्म वाराणसी के चकिया तहसील में हुआ था..साधारण किसान परिवार में जन्मे राजनाथ सिंह एक प्रतिभाशाली विद्यार्थी थे....उन्होंने गोरखपुर विश्विद्यालय से फिजिक्स में एम.ए. किया...उन्होंने के.बी.पोस्ट- ग्रेजुएट कॉलेज, मिर्जापुर,  में भौतिकी के लेक्चरर पद पर कार्य किया...लेकिन 13 साल की उम्र से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ जो नाता जुड़ा तो फिर कदम खुद ब खुद राजनीति की ओर चल पड़े...  1974 में राजनाथ सिंह भारतीय जनसंघ की मिर्जापुर इकाई के सचिव बने...1988 में वो यूपी विधान परिषद के सदस्य भी रहे....1991 में जब उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पहली सरकार बनी तो उसमें उन्हें शिक्षा मंत्री का पद दिया गया...1994 में वो राज्यसभा के लिए चुने गए....1997 में उन्होंने उत्तर प्रदेश बीजेपी की कमान संभाली और फिर 28 अक्टूबर 2000 से 8 मार्च 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे....2005 में उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष का पद संभाला...कई बार संकट के समय पार्टी के लिए संकटमोचक की भूमिका निभाने वाले राजनाथ सिंह से उत्तर प्रदेश में भी पार्टी को काफी उम्मीदें हैं....अब देखना है कि राजनाथ सिंह का इस बार उत्तर प्रदेश में भाजपा की चुनावी नैया पार लगवा पाते हैं या नहीं...








Tuesday, January 10, 2012

राहुल गांधी प्रोफाइल

 उनके साथ जुड़ी है एक शानदार विरासत....उनके कंधों पर टिकी है उनकी पार्टी की उम्मीद....वो जहां जाते हैं सुर्खियां बनाते हैं....वो अमेठी से सांसद हैं...वो राहुल गांधी हैं...


राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को नई दिल्ली में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के यहां हुआ...वह अपने माता-पिता की दो संतानों में बडें हैं और प्रियंका गांधी वडेरा के बड़े भाई हैं...
राहुल गांधी की शुरुआती शिक्षा दिल्ली के मॉर्डन स्कूल में हुई जिसके बाद वो मशहूर दून स्कूल में पढ़ने के लिए चले गए जहां उनके पिता ने भी पढ़ाई की थी...राहुल ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से रोलिंस कॉलेज प्लोरिडा से सन 1994 में अपनी कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की...और इसके बाद सन 1995 में कैम्ब्रिज विश्विद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से एम फिल की उपाधि प्राप्त की..  
राहुल गांधी की राजनीति में शुरुआत 2004 लोकसभा चुनाव से हुई जिसमें वो अपने पिता की सीट अमेठी से जीत कर सांसद बने...ये तय माना जा रहा था कि पार्टी में वो कोई अहम पद ग्रहण करेंगे लेकिन 2006 तक उन्होंने कोई पद ग्रहण नहीं किया...24 सितंबर 2007 में उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया...कांग्रेस को उनसे काफी उम्मीदें थी और ये माना जा रहा था कि राहुल गांधी राजनीति में भारी उल्ट-फेर कर सकते हैं...लेकिन 2007 में हुए उत्तर प्रदेश चुनाव में राहुल गांधी का कोई करिश्मा नहीं चला और पार्टी ने सिर्फ 22 सीटें जीतीं.....लेकिन राहुल गांधी के लिए 2009 के लोकसभा चुनाव बड़ी उपलब्धि साबित हुए...जहां उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 3 लाख 33 हजार वोटों से हराया वहीं इस चुनाव में  यूपी में कांग्रेस को  80 लोकसभा सीटों में से 21 सीटें मिली...उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कामयाबी का श्रेय राहुल गांधी को दिया जाता है....


फिलहाल उनका पूरा ध्यान उत्तर प्रदेश के चुनावों पर हैं.....इस चुनाव के नतीजे तय करेंगे कि राहुल फैक्टर भारतीय राजनीति में कितनी अहमियत रखता है