लंबे अर्से से भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर की
अधूरी पड़ी हसरत अबकी रेल बजट 2013-14 में पूरी हुई, जब सदन में रेल बजट के दौरान
रेल मंत्री पवन बंसल ने मंगलवार को
कुशीनगर को रेल लाइन से जोड़ने की घोषणा की। इसके
साथ ही पर्यटन विकास की संभावनाओं को भी पंख लग गए हैं।
बताते चलें कि इस
अंतरराष्ट्रीय पयर्टक केंद्र को अरसे से रेल सुविधा की दरकार थी। आने वाले हर रेल बजट में इसकी आस जगती और मिट
जाती थी। यही वजह रही कि आजादी के बाद से
आज तक यहां रेल लाइन न बिछ सकी और न ही रेल दौड़ सकी। अधूरी पड़ी हसरत के साथ पर्यटन विकास को भी धक्का
लगता रहा।
इस बार कुशीनगर को पूरा
तवज्जो मिला और रेल मंत्री ने सदन में घोषणा की कि सिद्धार्थनगर से पडरौना वाया कुशीनगर होते हुए गोरखपुर
ट्रेन दौड़ेगी। मतलब बुद्ध स्थली कुशीनगर भी
अब रेल की पटरी से जुड़ जाएगी। इसके साथ ही यहां
पर्यटन विकास-व्यवसाय को भी पंख लग गए हैं। बताते चले कि रेल लाइन की सुविधा न होने से सैलानियों की अपेक्षित संख्या कुशीनगर नही
पहुंच पाती है। जब रेल दौड़ेगी तो पर्यटन
व्यवसाय भी दौड़ेगा।
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