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Tuesday, February 15, 2011

'वैलेंटाइन डे' पर विरोधियों के होसले पस्त................

प्रेमीजनों को तो शायद अब तक भी ये  विश्वास  नहीं हो रहा होगा कि १४ फरवरी का दिन इतनी आसानी से  बीत जाएगा ! कारण हर साल की भांति इस साल भी बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद्  और शिवसेना  के कार्यकर्ताओं  का खौफ़  प्यार के दीवानों को सता रहा था.  पिछले कुछ सालों से इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने वैलेंटाइन डे पर प्यार का इज़हार करने वाले युवक-युवतियों  को सरेआम बेईज्ज़त कर अपना विरोध जताया था.
 
                  हालांकि इन संगठनों की 'वैलेंटाइन डे'  विरोधी विचार धारा को जन समर्थन  कभी भी नहीं मिला और  इसी कारण इस  'वैलेंटाइन डे' पर  इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध जताने की रस्म तक  भी अदा नहीं की.  ये इस बात का सबूत है की जिस किसी विचारधारा को भी युवाओं का समर्थन नहीं मिलता,  वह विचारधारा ज़्यादा  दिन तक नहीं टिक सकती.   इसका मतलब ये नहीं है  कि मैं  'वैलेंटाइन डे' पर  होने वाली अश्लील हरकतों को आधुनिकता के नाम पर स्वीकार कर रहा हूँ .    मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि जिस तरह आधुनिकता के नाम पर  सार्वजनिक स्थानों पर  अश्लील हरकतें  ग़लत हैं उसी  तरह भारतीय संस्कृति को बचाने के  नाम पर सार्वजनिक स्थानों पर किसी का भी अपमान स्वीकार्य नहीं हैं , जैसे कि अतीत  में इन संगठनों के कार्यकर्त्ता करते रहें हैं. अब जबकि सब कुछ ठीक ठाक निपट गया है तो  इस का श्रेय  इन संगठनों को भी जाता है जिन्होंने बेवजह किसी को भी परेशान नहीं किया और मैं इनकी इस पहल का समर्थन करता हूँ .

2 comments:

  1. नीतीश जी....वैलेंटाइन डे के अवसर तथाकथित प्रेमीजन प्रेम कम,
    प्रेम का ढोंग ज़्यादा करते हैं। सच्चे प्रेमियों के लिए तो हर दिन एक समान होता है। वो दिखावा नहीं करते हैं।

    सभी को एक दूसरे को समझने की ज़रुरत है। सार्थक आलेख के लिए आभार स्वीकार हो।

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  2. आप का लेख बहुत सुंदर लगा, धन्यवाद

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